डायबिटीज एक क्रॉनिक मेडिकल कंडीशन है जो आपके खून में शुगर की मात्रा ज़रुरत से ज़्यादा बढ़ा देती है। ऐसा दो कारणों से हो सकता है। पहला, पैंक्रियास (जो ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करता है ) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पता | दूसरा, आपका शरीर उत्पादित इन्सुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता ।
लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, 11% भारतीय जनता डायबिटीज के शिकार हैं और लगभग 15% प्री-डायबिटिक हैं।
भारत अब विश्व का डायबिटीज कैपिटल माना जाता है क्यूंकि 101 मिलियन भारतीय इस बीमारी के शिकार हैं। इसके मुख्य कारण हैं अस्वस्थ खानपान, शारीरिक गतिविधि की कमी, और शराब व तंबाकू का हानिकारक उपयोग।
इन् आकड़ों को देखते हुए दो सवाल अक्सर उठते हैं की क्या डायबिटीज को रोका जा सकता है? या फिर क्या डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है?
डायबिटीज के अलग-अलग प्रकार
डायबिटीज तीन मुख्य प्रकार की होती है, हालांकि इस बीमारी के और भी प्रकार हो सकते हैं
- टाइप 1 डायबिटीज जो भारत में 98,000 लोगों को प्रभावित करती है। यह तेज़ी से बढ़ती है और किसी भी उम्र मैं हो सकती है।
- टाइप 2 डायबिटीज जो 100 में से 7 लोगों को प्रभावित करती है। यह धीरे-धीरे समय के साथ विकसित होती है और आमतौर पर एडल्ट्स में डायग्नोज़ की जाती है।
- गर्भावस्था के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज होती है, जिसका प्रचलन दर 1.3% है।
टाइप 1 डायबिटीज में ऑटोइम्म्युने रिएक्शन की वजह से शरीर गलती से खुद पर हमला करने लगता है | इस ऑटोइम्म्युने रिएक्शन से पैंक्रियास के वह सेल्स नष्ट हो जाते हैं जो शरीर में इंसुलिन पैदा करते हैं ।
ऑटोइम्यून रिएक्शन के कारणों में माता-पिता से बच्चे को मिलने वाले जेनेटिक गुण और वायरस जैसे पर्यावरणीय कारण शामिल होते हैं। लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है की जिसमे यह जेनेटिक प्रवृत्ति हो उसे टाइप 1 डायबिटीज ज़रूर होगा ।
डाइट और लाइफस्टाइल से टाइप 1 डायबिटीज नहीं होती ।
टाइप 2 डायबिटीज में पैंक्रियाज के सेल्स इंसुलिन पर सामान्य रूप से प्रतिक्रिया नहीं करते । इस स्तिथि को इन्सुलिन रेसिस्टेन्स कहा जाता है जिससे पैंक्रियास ज़रुरत से ज़्यादा इन्सुलिन का उत्पादन करने लगता है। इस कारण से खून मैं शुगर का स्तर बढ़ जाता है और प्री-डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि टाइप 2 डायबिटीज के कारण अभी भी कुछ हद्द तक समझे नहीं गए हैं, मोटापा, व्यायाम और चलना फिरना ना करना, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल डायबिटीज का खतरा निश्चित रूप से बढ़ता हैं।
इसका मतलब है कि टाइप 2 डायबिटीज को काफी हद तक जीवनशैली में बदलाव करके रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ वजन बनाए रखना, संतुलित आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना, धूम्रपान से बचना, और शराब का सेवन सीमित करना।
यह जीवनशैली मैं बदलाव खासकर उन लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण है जिन्हे मोटापा या फिर डायबिटीज की फॅमिली हिस्ट्री हो।
डायबिटीज को जल्दी डायग्नोज़ करने से डायबिटीज से जुडी कॉम्प्लीकेशन्स को जल्दी रोका जा सकता है या उसमे देरी ला सकते हैं।
क्या डायबिटीज रिवर्स हो सकती है?
हमारे कई ईवन सदस्य हमसे यह सवाल पूछते हैं। असलियत में डायबिटीज रिवर्स नहीं हो सकती. हालांकि डायबिटीज को रिवर्स नहीं किआ जा सकता, इसे सफलतापूर्वक मैनेज कर सकते हैं.
कुछ लोग वज़न कण्ट्रोल करके, संतुलित आहार लेकर और नियमित रूप से व्यायाम करके अपनी डायबिटीज को कण्ट्रोल कर सकते हैं. कुछ लोगों को लाइफस्टाइल चैंजेस के अलावा दवाइयों और इन्सुलिन इंजेक्शन का भी सहारा लेना पढता है.
डायबिटीज डाइग्नोस होने के बाद क्या करें?
अगर आपका डायबिटीज टेस्ट पॉजिटिव आता है या आपको टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा है, तो डॉक्टर संभवतः आपको निम्नलिखित चीज़ें सुझाएंगे:
- फार्मास्युटिकल थेरेपी
- लाइफस्टाइल चेंज
- 3 महीने के भीतर फॉलो-अप चेकअप।
डायबिटीज को प्रभावी ढंग से मैनेज करना
जो लोग ऑफिस में काम अधिकतर बैठकर करते हैं, वे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए व्यायाम और संतुलित आहार में कठिनाई महसूस करते हैं।
कुछ व्यावसायिक कारण जो डायबिटीज प्रबंधन को प्रभावित कर सकते हैं
- लंबे या अनियमित घंटे काम करना जिससे
- स्ट्रेस और कोर्टिसोल लेवल्स में बढ़ोत्री जिससे ब्लड शुगर असंतुलित हो जाता है
- भारी वज़न उठाना या कठिन शारीरिक गतिविधि वाले काम करना
- लम्बी यात्रा या अक्सर यात्रा करना
डायबिटीज को मैनेज करने के लिए अपने ब्लड शुगर पर निरंतर ध्यान देना होता है भले ही आप किसी कार्य में लीन हों या आप डेडलाइन के पीछे भाग रहे हों।
Even के डायबिटीज प्रबंधन कार्यक्रम में भाग लेने वाले सदस्यों के बीच, हमने निम्नलिखित सकारात्मक बदलाव दर्ज किए:
- औसत HbA1c में 1.7 की कमी
- 3 महीने में 5 किलोग्राम वजन कम हुआ
- 100% प्रतिभागियों ने महसूस किया कि वे रोजमर्रा की जिंदगी में डायबिटीज को बेहतर तरीके से मैनेज करने की समझ में वृद्धि महसूस कर रहे हैं
आप डायबिटीज से कैसे जीत सकते हैं?
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